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4 Feb 2024 · 1 min read

भक्त जन कभी अपना जीवन

भक्त जन कभी अपना जीवन, व्यर्थ नहीं खोते हैं।
उनका कर्म वही है जिससे, प्रभु प्रसन्न होते हैं।।

जब तक मन बलवान जगत से, नाता कभी न टूटे।
मन पर करें नियंत्रण तो ही, लोभ-मोह सब छूटे।।
साधक भजन रात-दिन करते, जागृत रह सोते हैं।
भक्त जन कभी अपना जीवन, व्यर्थ नहीं खोते हैं।।

मन अतीव चंचल है वश में, सहज नहीं आता है।
यह माया के वशीभूत हो, भव में भटकाता है ।।
भक्ति-सिंधु में नित्य लगाते, साधक गण गोते हैं।
भक्त जन कभी अपना जीवन, व्यर्थ नहीं खोते हैं।।

सत्संगति-कीर्तन-भजन से, मन होता है वश में।
गुरु की कृपा मदद पहुॅंचाती, बढ़ती होती यश में।।
जो करते हरि भजन निरन्तर, वे न कभी रोते हैं।
भक्त जन कभी अपना जीवन, व्यर्थ नहीं खोते हैं।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
188 Views
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