एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों
एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों पर – यह उन्हें तितर-बितर कर देती है, कोई भी नतीजा निकालना बहुत आसान है, परन्तु उसे सही ठहराना मुश्किल है, उन सभी कारणों को भूल जाइए जो बताते हैं कि ऐसा क्यों नहीं किया जाएगा, बस एक कारण पर विश्वास करें कि यह कैसे होगा…🙏🏃🏻संस्कार देते रहिए। अब हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नई पीढ़ी को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराना है और उनके कर्तव्यबोध का उनको ज्ञान कराना है। संस्कारों की लड़ाई है जीतना जरूरी है। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय 🚭‼️