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24 Jan 2024 · 1 min read

पुस्तक

पुस्तक में है ज्ञान समंदर|
बंद करो मस्तक के अंदर|

मात शारदे इसमें रहती|
वेदों की ये गाथा कहती|
पुस्तक को रखो सम्भाल कर|
रोज़ पढ़ो गठ्ठर निकालकर|
सीखो सही गलत का अंतर|
पुस्तक में है ज्ञान समंदर|

दुनिया का हर राज़ समाया|
है भरी विज्ञान की माया|
इस जग का इतिहास लिखा है|
हास तथा परिहास लिखा है|
लिखा हुआ है जादू-मंतर|
पुस्तक में है ज्ञान समंदर|

कहानियाँ सब मुझको भाए|
अच्छी-अच्छी बात सिखाए|
पुस्तक को तुम मित्र बनाओं|
श्रेष्ठ गुणों को तुम अपनाओ।
पढ़-लिखकर तुम बनो सिकंदर|
पुस्तक में है ज्ञान समंदर|
मेरे द्वारा लिखी गई है
-वेधा सिंह
-७वीं

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