Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

क्यों बात करें बीते कल की

========

क्यों बात करे बीते कल की क्यों बात करे हम आगत की

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

कुछ लोग हमेशा जीते हैं बीते कल को रोते रोते

कुछ लोग गवांते हैं जीवन सपनो की स्वर्ण फसल बोते

जो जैसा है सच जियो आज कल की माला क्या जपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

किसलिए व्यर्थ स्वर्णिम प्रभात की आस लगाये बैठे हो

आगत के दिवा स्वप्न लेकर संसार सजाये बैठे हो

जी रहे जिसे हम वो यथार्थ कल का तातपर्य कलपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

छोड़ो आगत की चिंताएँ बीते कल की सब पीड़ाये

क्यों हम,भोगे गुजरे कल को क्यों ढोयें कल की कुण्ठाये

जो आज सामने जियो उसे जो बीत गया वो सपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
छठवीं रचना

74 Views
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

समयानुसार
समयानुसार
*प्रणय*
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
VEDANTA PATEL
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रकृति सुर और संगीत
प्रकृति सुर और संगीत
Ritu Asooja
सन्देश खाली
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*सच्चा मित्र*
*सच्चा मित्र*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मातृशक्ति का ये अपमान?
मातृशक्ति का ये अपमान?
Anamika Tiwari 'annpurna '
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
संकल्प
संकल्प
Naushaba Suriya
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
शायद रोया है चांद
शायद रोया है चांद
Jai Prakash Srivastav
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
आर.एस. 'प्रीतम'
मद्य पान।
मद्य पान।
Kumar Kalhans
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
गणेश अराधना
गणेश अराधना
Davina Amar Thakral
"सच्ची मोहब्बत के बगैर"
Dr. Kishan tandon kranti
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कमजोर नहीं हूं मैं।
कमजोर नहीं हूं मैं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
3684.💐 *पूर्णिका* 💐
3684.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बाबा साहब आ जा
बाबा साहब आ जा
Mahender Singh
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- अभी -अभी -
- अभी -अभी -
bharat gehlot
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
कलम की दुनिया
कलम की दुनिया
Dr. Vaishali Verma
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
बम से दुश्मन मार गिराए( बाल कविता )
बम से दुश्मन मार गिराए( बाल कविता )
Ravi Prakash
Loading...