Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2024 · 1 min read

दूसरे का चलता है…अपनों का ख़लता है

दूसरे का मग़रुर होना चलता है
मगर अपनों का ग़ुरूर ख़लता है ।

दूसरे का अनर्गल प्रलाप चलता है
मगर अपनों का बुरा बोलना ख़लता है ,

दुसरे माल खायें पकवान खायें चलता है
मगर अपनों का भूखा रहना ख़लता है ,

दूसरे जालसाजी करें चलता है
मगर अपनों का कपट ख़लता है ,

दूसरे झूठ का पुलिंदे हों चलता है
मगर अपनों का असत्य ख़लता है ,

दूसरे डाका डालें डकैती करें चलता है
मगर अपनों का चोरी करना ख़लता है ,

दूसरे मतलबी हों स्वार्थी हों चलता है
मगर अपनों का खुदगर्ज़ होना ख़लता है ,

दूसरे प्रेम का पाखंड करें चलता है
मगर अपनों के प्रेम का ढ़ोंग ख़लता है ,

दूसरे जी भर कर बेईमानी करें चलता है
मगर अपनों का थोड़ा भी धोखा ख़लता है ,

दूसरे गर अपने हो जायें तो चलता है
मगर अपनों का पराया होना ख़लता है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा )

205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

आदमी
आदमी
शशि कांत श्रीवास्तव
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
प्रेम की बात को ।
प्रेम की बात को ।
अनुराग दीक्षित
4820.*पूर्णिका*
4820.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
सपना   ...
सपना ...
Sushil Sarna
बेटी
बेटी
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
अश्विनी (विप्र)
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
दर्द से खुद को बेखबर करते ।
दर्द से खुद को बेखबर करते ।
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय प्रभात*
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरी नजरो में बसी हो तुम काजल की तरह।
मेरी नजरो में बसी हो तुम काजल की तरह।
Rj Anand Prajapati
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
*झूठ का तर्पण*
*झूठ का तर्पण*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ये जिन्दगी के पल मुस्कुराकर जी लो जनाब
ये जिन्दगी के पल मुस्कुराकर जी लो जनाब
Manju sagar
दुर्भाग्य का सामना
दुर्भाग्य का सामना
Paras Nath Jha
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
Ravi Prakash
*लेकिन किराया तो देना होगा*
*लेकिन किराया तो देना होगा*
विकास शुक्ल
लेखक कि चाहत
लेखक कि चाहत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
सुना है, खून का रिश्ता बेवफ़ा नहीं होता ,
सुना है, खून का रिश्ता बेवफ़ा नहीं होता ,
ज्योति
" वफ़ा की उम्मीद "
Dr. Kishan tandon kranti
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
- तुमसे प्यार हुआ -
- तुमसे प्यार हुआ -
bharat gehlot
17. I am never alone
17. I am never alone
Santosh Khanna (world record holder)
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
शायद
शायद
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...