Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी-14

खुलना जब सोच समझकर आता है
तो समझो
खोलना कलाकारी नहीं
तिज़ारत बन जाता है!

Language: Hindi
160 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

20) दिल
20) दिल
नेहा शर्मा 'नेह'
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Madhu Shah
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
तू दुर्गा , तू पार्वती है
तू दुर्गा , तू पार्वती है
लक्ष्मी सिंह
दिल के पहरेदार
दिल के पहरेदार
C S Santoshi
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
Keshav kishor Kumar
3989.💐 *पूर्णिका* 💐
3989.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
VINOD CHAUHAN
हमारा मन
हमारा मन
surenderpal vaidya
कितनी जमीन?
कितनी जमीन?
Rambali Mishra
जल्दी आओ राम बाद में
जल्दी आओ राम बाद में
Baldev Chauhan
👍👍
👍👍
*प्रणय प्रभात*
" चुनाव"
Dr. Kishan tandon kranti
बड़ी देर तक मुझे देखता है वो,
बड़ी देर तक मुझे देखता है वो,
Jyoti Roshni
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
आंख मेरी ही
आंख मेरी ही
Dr fauzia Naseem shad
ये और मैं
ये और मैं
Sakhi
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
Acharya Shilak Ram
इश्क की चांदनी, भीगा भागा चाँद
इश्क की चांदनी, भीगा भागा चाँद
Dr Parveen Thakur
उसके पलकों पे न जाने क्या जादू  हुआ,
उसके पलकों पे न जाने क्या जादू हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
Mohan Bamniya
दर्द से उपजा
दर्द से उपजा
हिमांशु Kulshrestha
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
दुनियादारी
दुनियादारी
Surinder blackpen
गर्दिश-ए-अय्याम
गर्दिश-ए-अय्याम
Shyam Sundar Subramanian
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
सफेद चादर
सफेद चादर
सोनू हंस
Loading...