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31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी-3

यक्षिणी की भक्ति आसक्ति में अपनी
एक मनुमानस-जीवी कवि ने
पूरी किताब ही लिख डाली है

अब ऐसी भक्ति का क्या कहिए
जब कवि मनोचिकित्सा की प्रैक्टिस भी कर रहा हो

जबकि दरकार है उसे
खुद के मनोरोग का इलाज कराने की!

डॉक्टर को ही जब इलाज की जरूरत पड़ जाए
तो उसकी डिग्री पर भी सवाल है

Language: Hindi
111 Views
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