Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2024 · 1 min read

*वोट की ताकत*

पापा माता सुन लो भाई, वोट बनवाओ जाकर ताई।
किसान बाबू और हलवाई, सरकार बनेगी वोट से भाई।।१।।
हो गई उम्र अट्ठारह अब, वोट हमें बनवाना है।
वोट की ताकत ये होती है, ये हमने पहचाना है।
आसपास कैंप लगे हैं और चला है अभियान,
पहले खुद का वोट बनवाओ, फिर पड़ोसी को बताना है।।
२।।
पांच साल का रखो हिसाब, होना तब तैयार।
लोकतंत्र की ताकत है यह, जानता है आधार।
करो वोट से वार तुम, और चुनों सरकार।
नहीं समझे इतना तो, जीवन है धिक्कार।।3।।
रहो जागरुक करो जागरूक और करो प्रचार।
कीमत उससे पूछो वोट की, जो गया एक वोट से हार।
करना है प्रचार वोट का, रहना है तैयार।
दुष्यन्त कुमार करता प्रचार, वोट है लोकतंत्र का आधार।।4।।

1 Like · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dushyant Kumar
View all

You may also like these posts

*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
दोहा पंचक. . . जीवन
दोहा पंचक. . . जीवन
sushil sarna
सैनिक के घर करवाचौथ
सैनिक के घर करवाचौथ
Dr.Pratibha Prakash
क्या कहूं उस नियति को
क्या कहूं उस नियति को
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मुश्किल है हिम्मत करना
मुश्किल है हिम्मत करना
अरशद रसूल बदायूंनी
यह काना फूसी की आदत अब छोड़ ,सुनाई देता है।
यह काना फूसी की आदत अब छोड़ ,सुनाई देता है।
अश्विनी (विप्र)
सबने मिलकर जिसको आगे बढ़ाया,
सबने मिलकर जिसको आगे बढ़ाया,
Ajit Kumar "Karn"
मोहभंग बहुत जरूरी है
मोहभंग बहुत जरूरी है
विक्रम कुमार
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
हर प्राणी का जन्म ही वासना के केंद्र से हुआ है तो वासना किसी
हर प्राणी का जन्म ही वासना के केंद्र से हुआ है तो वासना किसी
Rj Anand Prajapati
उन नशीली आँखों में डूब जाने का मन होता है...
उन नशीली आँखों में डूब जाने का मन होता है..."
Ami
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
" क्या जिये "
Dr. Kishan tandon kranti
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
Aditya Prakash
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
Anil Kumar Mishra
आंख का टूट गया है
आंख का टूट गया है
अनिल कुमार निश्छल
Nostalgia
Nostalgia
Shashi Mahajan
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
कुछ सोचा था मैने, कुछ और ही निकला...
कुछ सोचा था मैने, कुछ और ही निकला...
Vansh Agarwal
हवा का ख़ौफ़
हवा का ख़ौफ़
Akash Agam
परखा बहुत गया मुझको
परखा बहुत गया मुझको
शेखर सिंह
कुछ लोग इस ज़मीन पे
कुछ लोग इस ज़मीन पे
Shivkumar Bilagrami
घरवार लुटा है मेरा
घरवार लुटा है मेरा
Kumar lalit
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
Dr fauzia Naseem shad
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
Aruna Dogra Sharma
ज्ञानपुंजम
ज्ञानपुंजम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
Loading...