Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

The Magical Darkness.

The darkness was magical, which kept me alive!
I thought I was lost when it did arrive!
It hid me inside its wings as if I were a treasure!
And snatched away all my pain, which I never did measure!
It caressed lovingly all my deep scars,
And gave me a new vision to see the bright stars.
It taught me to survive without any sun!
I was scared at first, but it was fun!
I feel blessed to experience multiple sides of Nature,
Like flowing with the river and walking on a glacier.
It inspired me to listen to the echoes between the silences,
I was grateful for such mesmerizing guidance.
Then, it released me and pushed me towards the light,
But I know it always would protect me, like the shadows in the sunlight.

Language: English
65 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
shabina. Naaz
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
हम पचास के पार
हम पचास के पार
Sanjay Narayan
देर तो हो गई है
देर तो हो गई है
Ansh
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
या खुदा तूने मुझे ये कैसा मंजर दिखाया है,
या खुदा तूने मुझे ये कैसा मंजर दिखाया है,
Jyoti Roshni
Feeling of a Female
Feeling of a Female
Rachana
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
#श्योपुर-
#श्योपुर-
*प्रणय*
"सुनो भाई-बहनों"
Dr. Kishan tandon kranti
एक दिन
एक दिन
Dr fauzia Naseem shad
24. O Woman !
24. O Woman !
Ahtesham Ahmad
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
तुम्हारा नुकसान
तुम्हारा नुकसान
Shekhar Chandra Mitra
गरीबी
गरीबी
Neeraj Mishra " नीर "
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
I love you Maa
I love you Maa
Arghyadeep Chakraborty
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सावन का मेला
सावन का मेला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
जगदीश शर्मा सहज
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Godambari Negi
चढ़ा नहीं दिल की कभी,जो मेरी दहलीज ।।
चढ़ा नहीं दिल की कभी,जो मेरी दहलीज ।।
RAMESH SHARMA
सच्चा स्वतंत्रता दिवस
सच्चा स्वतंत्रता दिवस
Rambali Mishra
हम सीवान के लड़के हैं
हम सीवान के लड़के हैं
Nitu Sah
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
सिकन्दर बन कर क्या करना
सिकन्दर बन कर क्या करना
Satish Srijan
Loading...