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22 Jan 2024 · 1 min read

अपनों के बीच रहकर

अपनों के बीच रहकर
सुकून को तरस गई ,
चाहत के समंदर किनारे
प्यार कि कस्ती तलाशती रही
जब चाहत और प्यार में फर्क जानकर जिंदगी जीने कि तम्मन्ना हुईं
तभी मौत का पैगाम आ गया ।

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