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7 Oct 2024 · 1 min read

मैं तुम्हें

मैं तुम्हें
उस अंत तक
अपनी स्मृतियों में
अक्षुण्ण रखना चाहूँगा
एक आस के साथ
एक नए आयाम में
एक नूतन आरम्भ के साथ

हिमांशु Kulshrestha

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