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21 Jan 2024 · 1 min read

दुलरि ओ ,धिया जानकी

दुलरि ओ ,धिया जानकी
उठ बैसे ,करू सिँगार,धिये
मुरत तोहर,बड्ड पियारी
राघव प्रिये, हे सिते

तोरी बोल,अंजोर सगर
अयला राघव,रघु रघूराई
साँजल उत्सव,माँ मिथिले
सँजाल अय्योधा ,धाम सिये
सिये धिये, ममता मुरत
सगे राघो ,तोहर पुजन
मोहे लागैए ,बैसए जयती
दीअ लाडली,आशीष सिये
सियाराम हिअ ,जाखने गाबै
मुरत दूइ ,ताखने रघु-राई

असमान बहर, पताल ओम्हर
नाचैय सभ्भे, हो भाई
हुए दिन, जिनगी अंतिम
मोअ दर्शन को अभिलाषी
ओ दुलरि ,धिया जानकी
उठ बैस ,करू सिँगार,धिये
मुरत तोहर,बड्ड पियारी
राघव प्रिये, हे सिते

Language: Maithili
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