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31 Dec 2023 · 3 min read

मानकीकृत तराजू पर जोखाइत लोकभाषा मैथिली

झूठो डंका पिटा रहलै जे मैथिली सबहक छियै आ तों जेना बजै लिखै छहो सैहे हो गेलै मैथिली? हइ झूठा दलाल सब नैह तन? लोक कनाहितो लिखौ तकरा तोरा अरू संपादित क मानक मैथिली मे छपै जाइ छहो से कैले? मैथिली मानक माने ई जे बाभन कायस्थ जइ टोन शैली मे बजताह लिखताह सैह भेल मैथिली मानक आ शुद्ध मैथिली? आ बाद बांकी जे सोलकन सब, कोसिकन्हा वला, बेगूसराय वला सब जे लिखलकै बजला उ सब राड़ बोली, ठेठी बोली, कोसिकन्हा बोली हई. मानकी तराजू हिसाबे अशुद्ध मैथिली से कैले? मानकी दलाल सब कहतै जे बोली के व्याकरण मैं होइ छै. केना ने होइ छै से तोरा अरू साबित करबहो की ने.
मान लहो जे कोई बरगांही भाई, पदनी भाई, आईं,असगर, हइ, ओइह, छैल ग, बजलकै ग, चाल पारै हइ कते एहेन लोक मैथिली हइ जेकरा तोरा अरब अशुद्ध मैथिली कैहके मानकी दलाली करै जाइ छहो. लिख बोल के देखब जे बोली मे सेहो व्याकरण हइ आ मौलिक ता ओहने रहतै. लोक भाषा मैथिली के मानकीकृत बना खूब वर्गभेद हो रहलै आ शुद्ध मैथिली बहन्ने पुरूस्कारी खेल हो रहलै.

मानता मैथिली वला तराजू:-
1 लोकभाषा मैथिली के मानकी तराजू बना शुद्ध अशुद्ध मैथिली के फेर लगा खूब वर्गभेद केल गेलै.
2. बाभन कायस्थ टा के लिखब बाजब शैली के मानक रूपे मोजर देल गेलै आ मैथिली पत्रिका सब मे छापल गेलै.
3. सोलकन आ आम जन के लिखब बाजब के अशुद्ध मैथिली कहबा ओकरा मानता तराजू पर मोजर नै देलकै.
4. मैथिलीक पत्र पत्रिका सबहक संपादन शैली मानकीकृत रहलै.
5. मानकी चाबुक डरे लेलकनि सब मानता मैथिली लिख बाइज खूब डकैती कमेलै.
6. पिछलगुआ सोलकन सब अपना मूल शैली लिखब बाजब के मोजर लै कहियो मानता दलाल सबके ब्रेक नै केलकै.
7. मानकी चटकपनी क हरदम मैथिली के लोक स्वरूप के शुद्ध अशुद्ध मैथिली के फेर मे राखल गेलै.
8. समावेशी मैथिली समावेशी सहभागिता लै लोक बिरोध नै हुअ देल गेलै.
9. मानक मैथिली बहन्ने मैथिली मठाधीश सब लोकभाषा मैथिली पर कब्जा केने रहल.
10. एकसर, थीक, औ, ऐं, सरिपहुँ, फूजल, भाखा, नहू नहू आदी कते एहेन मानता शब्द छै जे लोक मैथिली स अलग आ मानकी कृत छै.
11. लोक मैथिली मे असगर, अइछ, यौ, आंई, तइओ, खूजल, भाषा, आस्ते आस्ते, ई शब्द सब लोक वेवहार के लिखब बाजब हइ जेकरा मैथिली मानक अशुद्ध कहबा दै छै. अरू संपादित कैरके मानकी मैथिली बना दै जाइ हइ क.
मैथिली मानकी तराजू लोकभाषा मैथिली के सत्यानाश कर देलकै तइयो लोक सचेत नै भेलै. मैथिली भाषा बाभन टा के बनि के रह गेल छै आ ओकरे टा मानकी लाभ जेना अकादमी पुरस्कार, मैथिली विभागीय नौकरी, मंच समारोह, मिल रहलै. मैथिली मानक दलाल सब कहियो बारहो बरण के ल के न चललै आ नै ओकरा मोजर देलकै. पिछलगुआ सोलकन सब कहियो बिरोध ने केलकै आ मैथिली मानकी होहकारी सबके हं में हं मिलबैत रहलै. अइ स मानता मैथिली वला सब के जाउ खूब सुतरैत रहलै. आ मैथिली भाषा पर एकछाहा राज बना लेलकै. मैथिली मानक खचरपनी दुआरे मैथिली भाषा मे जन सहभागिता आ जन समर्थन नै हो रहलै. लेकिन निर्लज्ज मैथिल मठाधीश के लाजे कथी? मिथिला मैथिली नामे मानकी दललपनी स अपन फायदा टा होइत रहौ. मानता तराजू मे जोखाइत देखाइत मैथिली भाषा अधमरू किए न भ जाउ.

आलेख- डा.किशन कारीगर
©काॅपीराइट

Language: Maithili
Tag: लेख
672 Views
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