रिश्ता
*”रिश्ता”गहरा होया न हो
पर “भरोसा”
गहरा होना चाहिये..!
” नफरतों में क्या रखा हैं ..,
मोहब्बत से जीना सीखो..,*
क्योकि
ये दुनियाँ न तो
हमारा घर हैं …*
और …
*न ही
किसी का ठिकाना ..,*
*याद रहे !
दूसरा मौका
सिर्फ कहानियाँ देती हैं ,
जिन्दगी नहीं …