गर भाग्य मेरे तू नहीं कर एक रेखा खींच दूँ

गर भाग्य मेरे तू नहीं कर एक रेखा खींच दूँ
अपने वफ़ा की जमीं को रक्त से मैं सींच दूँ
पाट दूँ मैं नभ तलक रकीबों की लाश को
मगर तुम न तोड़ना मेरे अटल विश्वास को
गर भाग्य मेरे तू नहीं कर एक रेखा खींच दूँ
अपने वफ़ा की जमीं को रक्त से मैं सींच दूँ
पाट दूँ मैं नभ तलक रकीबों की लाश को
मगर तुम न तोड़ना मेरे अटल विश्वास को