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9 Dec 2023 · 1 min read

समा गये हो तुम रूह में मेरी

समा गये हो तुम रूह में मेरी
गुमा नहीं है तुम्हें इस बात का।
कभी थे लबों पर लफ्ज़ बनकर
आज खामोशियों में बसर करते हो।

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