Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 1 min read

आज क्या बनाऊँ

पत्नी जी यदा कदा ही कहती हैं
कुछ समझ नहीं आता कि आज क्या बनाऊँ
बदले में जब मैं कहता हूँ
कि कुछ भी बना लो
तो उसका मूड ज्यादा खराब हो जाता है
बच्चों की फरमाइशें
फिजां में गूंजने लगती हैं।
पत्नी जी कुछ ज्यादा ही उखड़ जाती हैं।
और सामान्य दिनों के बजाय
उस दिन और देर में खाने का हुक्म सुनाती हैं,
मेरे जवाब से पहले खिचड़ी और चटनी
सामने लाकर रख देती हैं।
बच्चे भुनभुनाने लगते है
न खाने का एलान कर देते हैं।
पत्नी जी भी कम नहीं है
खाओ या भूखे सो जाओ कहकर
अपना पेट भरने में लगे जाती हैं
बीच बीच में खाना हो तो खा लो
बच्चों को कहती रहती हैं,
खिचड़ी की तारीफों के पुल बांधती रहती हैं,
मां हैं न तो परेशान भी होती हैं
बच्चे कहीं भूखे न हो जाएं
इसलिए अपने हाथों से उनके मुंह में
जबरदस्ती खिचड़ी ठूंसकर सूकून की सांस लेती हैं,
और वो बड़े गुस्से से मुझे घूरती हैं
इस तरह शायद अपने क्रोध को
विश्राम की अवस्था में ले जाती हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

221/2121/1221/212
221/2121/1221/212
सत्य कुमार प्रेमी
"चढ़ती उमर"
Dr. Kishan tandon kranti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
पूर्वार्थ
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
Gouri tiwari
पहले तेरे पास
पहले तेरे पास
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आत्म वेदना
आत्म वेदना
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
मत तोड़ो विश्वास
मत तोड़ो विश्वास
Sudhir srivastava
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
©️ दामिनी नारायण सिंह
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
राजनीति में सच का अभाव है
राजनीति में सच का अभाव है
Krishan Singh
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
बदलाव
बदलाव
Sakhi
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
तरु वे छायादार
तरु वे छायादार
RAMESH SHARMA
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
न कभी सच हो सकने वाली मेरी कल्पना / मुसाफिर बैठा
न कभी सच हो सकने वाली मेरी कल्पना / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*हे तात*
*हे तात*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
- बारिश के आने से -
- बारिश के आने से -
bharat gehlot
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
क्या बात बताऊँ उनकी,
क्या बात बताऊँ उनकी,
श्याम सांवरा
ज़िंदा दोस्ती
ज़िंदा दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
Dr fauzia Naseem shad
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बढ़ना है आगे तो
बढ़ना है आगे तो
Indu Nandal
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
Rambali Mishra
Loading...