Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2023 · 1 min read

रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है

रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
क्योंकि क्लास देख कर बनते है।
इसलिए उनकी मियाद और उम्र हल्की होने लगी है

जो रिश्ता में रूहानियत और रवानगी थी
क्योंकि क्लास के परे केफियत देख कर बनते थे
उनकी मियाद, उम्र काफी लंबी चलती है

210 Views

You may also like these posts

दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं वहाँ दूर से चमकता हुआ उस आईने को ऐसे देखा करता जैसे मेरी
मैं वहाँ दूर से चमकता हुआ उस आईने को ऐसे देखा करता जैसे मेरी
Jitendra kumar
"घनी अन्धेरी रातों में"
Dr. Kishan tandon kranti
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
आई सी यू
आई सी यू
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Movers and Packers in Bhiwani
Movers and Packers in Bhiwani
Hariompackersandmovers
तुम्हारी कलम
तुम्हारी कलम
पूर्वार्थ
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
संगत का प्रभाव
संगत का प्रभाव
manorath maharaj
असफलता एक चुनौती है
असफलता एक चुनौती है
भगवती पारीक 'मनु'
मां के रूप
मां के रूप
Ghanshyam Poddar
Subject-I don't believe in God.
Subject-I don't believe in God.
Priya princess panwar
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
दीपक झा रुद्रा
हे नवजवान तू क्या कर नहीं सकता
हे नवजवान तू क्या कर नहीं सकता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सावरे वो दिन भी, जरूर आयेगा।
सावरे वो दिन भी, जरूर आयेगा।
श्याम सांवरा
जब-जब
जब-जब
Rambali Mishra
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
4632.*पूर्णिका*
4632.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
debetcomputer
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
गुमनाम 'बाबा'
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सियासत में सारे धर्म-संकट बेचारे
सियासत में सारे धर्म-संकट बेचारे "कटप्पाओं" के लिए होते हैं।
*प्रणय*
Loading...