Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2023 · 2 min read

#पुकार

🙏समूची मानव जाति के लिए प्रकाशस्तम्भ श्री गुरु नानकदेव जी महाराज के श्री-चरणों में सादर समर्पित है यह कविता।

मेरी मातृभाषा पंजाबी और राष्ट्रभाषा हिन्दी है। अतः मैं दोनों भाषाओं में लिखता हूँ। प्रस्तुत कविता की भाषा पंजाबी और लिपि देवनागरी है।
✍️

★ #पुकार ★

जिस जिस जपया नाम जी
सोई-सोई उतरया पार
मैं जगत तमाशा वेख के
न कुझ कह सकां
न चुप रह सकां
करदा हां एहो पुकार . . . . .

पलंगां तों लह गई निवार मेरे साईयां
मंज्जे किसे वी रुत्त आउंदे नहीं बाहर मेरे साईयां
वड्डयां दा हौला होया भार मेरे साईयां
खेतां नूं खा गई वाड़ मेरे साईयां

कौम दे आगूआं नूं लाज नहीं आउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

धरमहीन होयै राजधरम मेरे साईयां
अक्खां दी लह गई शरम मेरे साईयां
सच दा रह गया भरम मेरे साईयां
कूड़ दा बजार गरम मेरे साईयां

गाईयां दे पुत्तां दी चीख धुरां तक जांदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

विछड़ गए पंजे आब मेरे साईयां
किताबां च रह गई रबाब मेरे साईयां
मेलयां दी रह गई याद मेरे साईयां
रोटी विचों मुकया स्वाद मेरे साईयां

पिंडयां दे पसीने दी महक नहीं भाउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

कलम दवात गई रुल मेरे साईयां
माँ नूं माँ-बोली गई भुल मेरे साईयां
रिश्तयां दा पै गया मुल मेरे साईयां
घड़यां दा पाणी गया डुल्ल मेरे साईयां

परदेस गयां दी याद नहीं सताउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

अज्ज आपणा धौण फड़े मेरे साईयां
गल इक दूजे दी न जरे मेरे साईयां
दुख दुखियां दे कौण हरे मेरे साईयां
भुक्खयां लई रीठे मीठे कौण करे मेरे साईयां

नीले-पीले चोलयां अंदरों बोअ भुक्की दी आउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

सुणयै उदों वी है सन पाप मेरे साईयां
ताहियों रोटी विचों वगदा सी लहू आप मेरे साईयां
कुरलाउंदी खलकत नूं खवरे केहड़ा सी स्राप मेरे साईयां
रब दे दिल नूं कुरेदया सी तूं आप मेरे साईयां

अज्ज दे दिन कोई ऐसी हस्ती नज़र नहीं आउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

अज्ज पुत्त तों पयो शरमाए मेरे साईयां
जंमण वाली नूं धी चिंग्घे चढ़ाए मेरे साईयां
मेहता कालू जी दे पुत्त मां तृप्ता दे जाये मेरे साईयां
भैण नानकी दे वीर तैनूं ख़लक बुलाए मेरे साईयां

श्रीचंद जी जोगी हो गए लछमीदास लंमियां राहां दे पांधी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी . . . . .

जल-थल होयै चार-चुफेरे मेरे साईयां
जिंद फस गई घुम्मण घेरे मेरे साईयां
करनेआं जतन बथेरे मेरे साईयां
प्रकाश बिना हुण तेरे मेरे साईयां

एह धुंध दी चादर मिटदी नज़र नहीं आउंदी
बाबा ! पाप दी जंज हुण काबलों नहीं आउंदी !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Punjabi
180 Views

You may also like these posts

ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जंगल बियाबान में
जंगल बियाबान में
Baldev Chauhan
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
अशेष संवेदना
अशेष संवेदना
Namita Gupta
रिश्ते
रिश्ते
Ashwini sharma
ग़ज़ल:- ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे...
ग़ज़ल:- ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
3429⚘ *पूर्णिका* ⚘
3429⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
- बच्चो की मासूमियत -
- बच्चो की मासूमियत -
bharat gehlot
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
**!! अलविदा दीपावली !!*
**!! अलविदा दीपावली !!*"
AVINASH (Avi...) MEHRA
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
पथ में
पथ में
surenderpal vaidya
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कसौटी है प्यार की...
कसौटी है प्यार की...
Manisha Wandhare
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Interesting Geography
Interesting Geography
Buddha Prakash
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
देश भक्ति
देश भक्ति
Santosh kumar Miri
नित  हर्ष  रहे   उत्कर्ष  रहे,   कर  कंचनमय  थाल  रहे ।
नित हर्ष रहे उत्कर्ष रहे, कर कंचनमय थाल रहे ।
Ashok deep
भालू , मेढ़क और बंदर
भालू , मेढ़क और बंदर
Dr. Vaishali Verma
"माँ" सम्पूर्ण विज्ञान
पंकज परिंदा
वीर जवान
वीर जवान
Shriyansh Gupta
"हमारी खामी"
Yogendra Chaturwedi
मंजिल का अवसान नहीं
मंजिल का अवसान नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*प्रणय*
" नैतिकता "
Dr. Kishan tandon kranti
Hubet là một trong những nhà cái trực tuyến hàng đầu hiện na
Hubet là một trong những nhà cái trực tuyến hàng đầu hiện na
Hubet
Loading...