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3 Nov 2023 · 1 min read

एक दिन आना ही होगा🌹🙏

एक दिन आना ही होगा🌹🙏
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घर मुरझराया पड़ा हुआ
हृदय दर्द से व्याकुल है

बगिया है पुरखों की याद
सींचा कलियाँ विकसित हो

खिल सरस सुगंध बिखराने
पंखुड़ियां खुली समय पर ही

विकसित पुष्प मधुर मधु
भ्रमर ले भ्रमण कर जग में

प्रेम सद् भाव बरसाने वाला
माली बिन रसविहीन बसेरा

मुरझा गया आदार सत्कार
फुलवारी फूलों ने इत्र सी

खुशबु पहचान भू बनाया
गीताज्ञान कर्म की पूजा

आदर्श वाक्य सूनी बगिया
गूंज रही पास गुजर रहे

पथिक स्मृतियों की यादों
भाव विह्वल नमन करते

मालीमालिन मालकियत
छोड़ कालगति समा गए

बसा नहीं सुमन इस कुंज
गली बदल कहीं और बसे

सूनी कुंज विकसित डाली
सूख जलहीन मुरझा गए

वृथा गुमान गर्व दम्भ से
नवयौवन खिलती कलियाँ

डाली मुरझाने छोड़ गए ये
भूगर्भीय शाखी उड़ती पाती

भावों की झोंकों में दहलीज
पार छोड़ मुझे मेरी हालों पे

औरों की हाल लेने चले गए
अनुनय विनय किया आंगन

आने को अकड़ आगे बढ गए
बगिया विकसित फूलों की इस

डाली ने निज भविष्य मुरझाने
जिम्मेदारी साथ ही ले गए

कब तक कोई अपमान सहेगा
शूल बेदना खुद मुरझा जाएगा

पश्चतापे की सागर में डूब फिर
किनारा पाने की व्याकुलता में

मेरे द्वार एकदिन आना ही होगा
समय देता एक भुलावा सबको

स्वर्ग से सुंदर अपना जन्म घर
जग विदाई बेला में श्रृंगार सजा

कंधों का सहारा लिए परिक्षेत्र
भ्रमण यादों में आना ही होगा

मुरझा हुआ फूल खिलाना होगा
जन्मांतरअभिशाप मिटाना होगा
एक दिन तो आना ही होगा ॥

************************

तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
1 Like · 297 Views
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