Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Oct 2023 · 1 min read

कुछ देर तुम ऐसे ही रहो

कुछ देर तुम ऐसे ही रहो, मैं प्यार तुमको जीभर कर लूं।
प्यास अधूरी रहे नहीं दिल की, चाहत यह पूरी कर लूं।।
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो——————-।।

लब तुम्हारे छूने दो मुझको, आकर मुझसे लिपट जावो।
चूमने दो इन सुर्ख गालों को, मेरी बाँहों में तुम आ जावो।।
जब तक सरुर खत्म नहीं हो, इच्छा खत्म यह नहीं कर लूं।
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो—————–।।

तुम भी जवां हो,मैं भी जवां हूँ, मौसम भी आज जवां है।
हमको इशारा गुलों ने किया है, ऐसा नजारा और कहाँ है।।
हटाओ यह अपनी चिलमन, तेरे हुस्न का दीदार मैं कर लूं।
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो———————-।।

कोई गुनाह हम नहीं कर रहे, प्यार अपना है जन्म-जन्म का।
हम है जीवनसाथी सदा के, रिश्ता है अपना जन्म-जन्म का।।
यह प्यार अपना महके कल भी, वो फूल आज पैदा कर लूं।
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Loading...