Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )

शि #शिवजन्य, सिंह शौर्यसी सौष्ठव कुंजरो सा बलशाली
वा #वारो का कर खंडन,संशय विस्मरण हुंकार मराठों की थी शक्तिशाली
जी #जीजा जननी के प्रश्रय में प्रतिष्ठ,पराक्रमी प्रबल प्रतिद्वंदी बने
सोई तुम्हारी आत्मा ….सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है
क्या तुम में जिंदा ..कोई शिवाजी ??अश्रु का ये प्रश्न है
तुम हम जैसे वो एक भारतीय ,
राष्ट्र कुल, मां भारती k सच्चे थे वो सपूत ..
रणवीर, रणबांकुरे,कर रणविजय ,..
तुमको मेरा शत शत नमन है
पौरुष प्रदप्त,प्रदग्ध, प्रचण्ड शौर्य गाथा है
ना विस्मरण करो ना विलोपित नस नस मे बहती तप्त रुधिर धारा है ,
शिवा न सही… शिविका भली कंठ कंठ ये तिरोहित है,
रण प्रस्थान करो..मार्ग प्रशस्त, हो ..प्रकल्पीत प्रतिमानों से कीर्तिमान रचो ,विश्व पटल पर छा जाओ …युग युगान्तर तक सुयश फैले शिविके..
✍️ अश्रु

106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पं अंजू पांडेय अश्रु
View all

You may also like these posts

पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
Rahul Singh
बहुत बार
बहुत बार
Shweta Soni
सोंच
सोंच
Ashwani Kumar Jaiswal
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
ये भारत न रहा..
ये भारत न रहा..
मनोज कर्ण
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
जोड़ियाँ
जोड़ियाँ
SURYA PRAKASH SHARMA
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझ पर करो मेहरबानी
मुझ पर करो मेहरबानी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मन के हारे हार है
मन के हारे हार है
Vivek Yadav
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सजन हमने  लगाई है तुम्हारे  नाम की मेंहदी
सजन हमने लगाई है तुम्हारे नाम की मेंहदी
Dr Archana Gupta
चिंता अस्थाई है
चिंता अस्थाई है
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
"नकल"
Dr. Kishan tandon kranti
शु
शु
*प्रणय प्रभात*
दोहा छंद ! सावन बरसा झूम के ,
दोहा छंद ! सावन बरसा झूम के ,
Neelofar Khan
उलझ गई है दुनियां सारी
उलझ गई है दुनियां सारी
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
When nothing works in life, keep working.when everything see
When nothing works in life, keep working.when everything see
पूर्वार्थ
"महाराणा प्रताप" किसी की गुलामी से कहीं अच्छा है कि, उससे लड़
ललकार भारद्वाज
यमुना करती तो रो कर गुहार ,
यमुना करती तो रो कर गुहार ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मूरत
मूरत
कविता झा ‘गीत’
ढलती उम्र -
ढलती उम्र -
Seema Garg
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
Ravi Prakash
मनमुटाव अच्छा नहीं,
मनमुटाव अच्छा नहीं,
sushil sarna
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
Jyoti Roshni
Loading...