Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2023 · 1 min read

पानी बचाऍं (बाल कविता)

पानी बचाऍं (बाल कविता)
______________________
फिल्टर में फिंकता है पानी
घर – घर की है यही कहानी

चलो बाल्टी एक लगाऍं
पानी उसमें जमा कराऍं

बर्तन-फर्श उसी से धोऍं
पानी व्यर्थ कभी मत खोऍं
_______________________
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451

1 Like · 1277 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
Shreedhar
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
विनम्रता
विनम्रता
Rambali Mishra
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
ललकार भारद्वाज
4117.💐 *पूर्णिका* 💐
4117.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*दीपक (बाल कविता)*
*दीपक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बुंदेली दोहा - परदिया
बुंदेली दोहा - परदिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
बदली गम की छंटती, चली गई धीरे धीरे
बदली गम की छंटती, चली गई धीरे धीरे
अनिल "आदर्श"
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
हमारे रिश्ते को बेनाम रहने दो,
हमारे रिश्ते को बेनाम रहने दो,
Jyoti Roshni
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
डी. के. निवातिया
जब तक साँसें देह में,
जब तक साँसें देह में,
sushil sarna
मां शारदे
मां शारदे
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तल्खियां
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
Ajit Kumar "Karn"
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
Kanchan Alok Malu
"" *गणतंत्र दिवस* "" ( *26 जनवरी* )
सुनीलानंद महंत
शबरी की भक्ति
शबरी की भक्ति
Indu Nandal
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
- दिल तुझसे जो लगाया -
- दिल तुझसे जो लगाया -
bharat gehlot
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
10 अस्तित्व
10 अस्तित्व
Lalni Bhardwaj
दोहे
दोहे
seema sharma
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...