Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2023 · 1 min read

*कबूतर (बाल कविता)*

कबूतर (बाल कविता)
________________________
छोटी गर्दन मोटी काया
मस्त कबूतर सबको भाया

हर समय गुटर-गूॅं करता है
लंबी उड़ान यह भरता है

लेकर संदेशा जाता है
उत्तर लेकर फिर आता है
________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 1449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

बार - बार आजमाना अच्छी बात नही -
बार - बार आजमाना अच्छी बात नही -
bharat gehlot
बड़े भाग मानुष तन पावा
बड़े भाग मानुष तन पावा
आकांक्षा राय
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
कई वर्षों से ठीक से होली अब तक खेला नहीं हूं मैं /लवकुश यादव
कई वर्षों से ठीक से होली अब तक खेला नहीं हूं मैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
"पेड़ पौधों की तरह मनुष्य की भी जड़ें होती हैं। पेड़- पौधों
इशरत हिदायत ख़ान
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
Ravi Prakash
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
Ranjeet kumar patre
कभी जिम्मेदारी के तौर पर बोझ उठाते हैं,
कभी जिम्मेदारी के तौर पर बोझ उठाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
Pankaj Kushwaha
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग
भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Kumar Agarwal
दिल में ख़ौफ़े ख़ुदा ज़रूरी है,
दिल में ख़ौफ़े ख़ुदा ज़रूरी है,
Dr fauzia Naseem shad
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
4397.*पूर्णिका*
4397.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ तो झूठे चारण होंगे
कुछ तो झूठे चारण होंगे
Suryakant Dwivedi
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
श्याम सांवरा
सूरज!
सूरज!
Ghanshyam Poddar
चाटिये
चाटिये
Kunal Kanth
..
..
*प्रणय प्रभात*
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
पंकज परिंदा
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...