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11 Jun 2023 · 1 min read

भोग की वस्तु नहीं है नारी

भोग की वस्तु नहीं है नारी,

कब समझेंगे यह अत्याचारी।

हर दिन लुट रहा जो अस्मत है,

ये नरपिशाचों की ज़हालत है।

नरपिशाच सुन! नारी, सृष्टि गढ़ने वाली है।

यह लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती और माँ काली है।

तूने मूर्खतावश नारी को अबला समझ लिया है,

नारी वो शक्ति है जिसने सृष्टि को भी जन्म दिया है।

यह वो शक्ति है जिसने यह संसार रचा है,

नारी से ही तीनों लोकों का सारा वैभव सजा-धजा है।

बदलो अपने विचारों को और नारी का सम्मान करो,

नारी की शक्ति को समझो मत उसका अपमान करो।

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