Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

मां के आँचल में

बड़े हो गए नहीं है शिशुपन,
सोचकर ऐसा न घबराना।
मन अधीर कभी जब हो जाये,
मां के आँचल में छिप जाना।

अपना सिर माँ की गोदी में,
रख कर के आजमाओ तो।
उसके हाथ के अद्भुत जादू,
से सुकून पा जाओ तो।

वही चैन वही थपकी लोरी,
अब भी वैसे पाओगे।
उलझन फिक्र खिन्न बेचैनी,
से निवृत्त हो जाओगे।

‘खुद तो सभ्य’ गवांर लगे मां,
उसके भाव लगे दुखने।
बड़े हो गए साहब बन गए,
मां में ऐब लगे दिखने।

ज्यों की त्यों माता है वैसे,
उसके प्रेम में न हल्ला।
नज़र उतरती लेत बलैया,
अब भी तू प्यारा लल्ला।

तेरे भाव बिखर गए सब में,
यार दोस्त पत्नी बच्चे।
मां का प्रेम अडिग भूधर सम,
सीप में ज्यो मोती सच्चे।

अबकी छुट्टी में जब जाना,
मां की आंखों को लखना।
नेह का सागर दिखेगा पूरित,
दृष्टि वात्सल्य पर रखना।

मां को मानव न समझे कोई,
मां तो सृजनहारा है।
जगत में प्रभु की उत्तम रचना,
अनुपम सा उपहारा है।

जब तक मां जीवित है तेरी,
बिन कारण के भी हरसाना।
मन अधीर कभी जब हो जाये,
मां के आँचल में छिप जाना।

Language: Hindi
2 Likes · 272 Views
Books from Satish Srijan
View all

You may also like these posts

नीर सा मन
नीर सा मन
Manoj Shrivastava
बोलिंग बेटिंग फील्डिंग, तीनों सबके पास
बोलिंग बेटिंग फील्डिंग, तीनों सबके पास
RAMESH SHARMA
टूटे ना नेहिया की तार
टूटे ना नेहिया की तार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
ग़ज़ल _ मतलब बदल गया।
Neelofar Khan
अंदाज़-ऐ बयां
अंदाज़-ऐ बयां
अखिलेश 'अखिल'
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
#futuretechinnovative
#futuretechinnovative
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
मैं नहीं मधु का उपासक
मैं नहीं मधु का उपासक
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
नव निवेदन
नव निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*जीवन के गान*
*जीवन के गान*
Mukta Rashmi
।।
।।
*प्रणय*
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
लक्ष्मी सिंह
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
Dr Tabassum Jahan
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)
Ravi Prakash
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"हिंदी"
इंदु वर्मा
दोहा पंचक. . . ख्वाब
दोहा पंचक. . . ख्वाब
sushil sarna
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
"खुदा रूठे तो"
Dr. Kishan tandon kranti
समय की रेत
समय की रेत
शशि कांत श्रीवास्तव
हटता नहीं है।
हटता नहीं है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
श्रीहर्ष आचार्य
3093.*पूर्णिका*
3093.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...