Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 2 min read

तुझे किस बात ला गुमान है

किस बात का गुमान है।

हां! तुम्हे किस बात का गुमान है।
क्या बोलने खातिर तेरे मुंह में जुवान है !

तेरी तरह हमने अपनी किताबों का हिसाब नहीं लगाया
दिमाग खाली था पर नकारात्मकता का नकाब नही लगाया

तेरी तरह हम किताबो का हिजाब पहनकर किसी झुठी शान को भाव नही देते हैं।
लड़के है हम अपनी निगाहो मे अपनो को तो क्या गैरो भी सम्मान देते है।

जिम्मेदारी का बोझ हम पर बचपन से सवार होता है
तेरी जैसी सोच हम पर, सीधी-साधी सुरत, ग्वार होती है

थोड़ी सी क्या भर ली तुमने लम्बी उड़ान
भूल जाती है क्यो तेरे सामने खड़ा विकराल. तुफान

तेरी तरह हम एक कोने में बैठ अपना दुखडा, गाते नही
समस्याओ से रख गहरा नाता उसी से नया मुखड़ा बनाते कही

बहकते नही हम अपनी जिम्मेदारी से
पर हमारे कंधे पर रख बन्दुक तुमने हमें अपनो की नजर में गैर जिम्मेदार बनाया

फिर भी तेरी तरह हमें किसी बात का गुमान नही
.सीधे साधे है मां-बाप संग परिवार की जबान रही

हम तो एकांकी है अपने चिन्तन खातिर
पर तुम मुझ तने को उस वृक्ष से जुदा करती बन शातिर
__RECORD__
फिर तुम्हे किस बात का गुमान है।
परिवार की जाजम से बेदखल जिसका तुम हो. अन्जाम
तेरे प्रेम प्रांगण में सम्भला तेरे मतलबी मानस था निजाम
फिर तुम्हे किस बात का गुमान है।
सल्तनत मेरी तेरे हाथ ना लगेगी
आत्मविश्वास से विश्वास पात्र स्वामी भक्त की पुकार लगेगी ।
फिर तुझे किस बात का गुमान है
मेरी बदोलत तुम ऐशो आराम में रहती हो
चन्द विश्वास घाती की टोली बनाकर क्यों खुद को निजाम कहती हो
फिर तुझे किस बात का गुमान है

हमारे अलावा तुम्हे चाहने वाले कही मिल जाऐगे
जवानी तेरी वो ढलती काया है, चन्द दिन में तेरी उम्मीद बिखर जाएगी
फिर तुझे किस बात का गुमान है

189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चुनौती  मानकर  मैंने  गले  जिसको  लगाया  है।
चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नदियाँ
नदियाँ
Pushpa Tiwari
विदाई गीत
विदाई गीत
संतोष बरमैया जय
हिंदी
हिंदी
Dr.Archannaa Mishraa
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
राह इनको दिखाने वाले
राह इनको दिखाने वाले
gurudeenverma198
गीत-चले आओ
गीत-चले आओ
Yogmaya Sharma
दोहा त्रयी. . . .  अनुभूति
दोहा त्रयी. . . . अनुभूति
sushil sarna
..
..
*प्रणय प्रभात*
मेहंदी देती सीख
मेहंदी देती सीख
भगवती पारीक 'मनु'
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
दीपक बवेजा सरल
बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहे- रमतूला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
दस्तावेज बोलते हैं (शोध-लेख)
Ravi Prakash
प्रियजन
प्रियजन
Dr MusafiR BaithA
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
विशेषज्ञ अधिकारी
विशेषज्ञ अधिकारी
Khajan Singh Nain
मेरे दर्द को पढ़ने की
मेरे दर्द को पढ़ने की
हिमांशु Kulshrestha
I want to tell you something–
I want to tell you something–
पूर्वार्थ
साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी,
साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी,
Manisha Manjari
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
आओ लौट चले
आओ लौट चले
Dr. Mahesh Kumawat
एक भ्रम जाल है
एक भ्रम जाल है
Atul "Krishn"
मेरा घर अब मुझे मकान सा लगता है
मेरा घर अब मुझे मकान सा लगता है
Durva
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
पागल
पागल
Sushil chauhan
sp62 बाद पिता को /सूरज का शहर
sp62 बाद पिता को /सूरज का शहर
Manoj Shrivastava
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...