चूल्हे की लौ से उड़ान तक आई,

चूल्हे की लौ से उड़ान तक आई,
धुएँ को चीर वो रौशनी लाई।
हर बंदिश को उसने ठुकरा दिया,
ब्रह्मांड तक अपना हक़ जता दिया।
–kanchan
चूल्हे की लौ से उड़ान तक आई,
धुएँ को चीर वो रौशनी लाई।
हर बंदिश को उसने ठुकरा दिया,
ब्रह्मांड तक अपना हक़ जता दिया।
–kanchan