जिंदगी के वास्ते
चलो कुछ नया करें, जिंदगी के वास्ते।
खोज तू नयीं मंजिलें, ढूंढ नये रास्ते।
क्या हुआ जो आज,काबू नहीं हालात,
सोच बदल के देख,बन जायेगी बात।
रोक मत कदमों को, आगे बढ़ा कदम।
लड़ना है तुमको ,जब तक तुझमें है दम,
आज ग़र थक कर कहीं,तू गया जो रूक।
जाने कितने लोग कहेंगे, सामने तू झुक।
पास होंगी मंजिलें, फिर न होगा कोई ड़र
जान लगा के पूरी ,इक बार तो कोशिश कर।
सुरिंदर कौर