Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2024 · 1 min read

साँवरिया भजन अरविंद भारद्वाज

साँवरिया
श्याम नाम को लिए बिना, मनै नींद चैन नहीं आवै रै
खाटू वाले बाबा का मन, दर्शन करना च्हावै रै

काम-काज घर मैं इतना, मनै फुर्सत नहीं मिल पावै रै
श्याम भक्त इस गली तै बाबु, रोज घने ये जावै रै
कब तक दुखडा यो ठावैगा, मनै रोक नही तू पावैगा
बाबू श्याम ही कष्ट मिटावेगा,बेड़ा अपणा पार लगावैगा

झण्डा लेकै बाबू खाटू, नर – नारी सब जारै रै
जोत जलावै बाबा की अर, झूला सिर पै ठारै रै
नैया अपणी पार लगायेंगा, सब बिगड़े काम बणावैगा
बाबू श्याम ही कष्ट मिटावैगा,बेड़ा अपना पार लगावैगा

हारे का यो एक सहारा, इसकी महिमा न्यारी रै
साँवरिया यो कहलाया अर, सूरत इसकी प्यारी रै
साँवरा भक्त भजन सुनावैगा,लिख अरविन्द सबनै बतावैगा
बाबू श्याम ही कष्ट मिटावैगा, बेड़ा अपणा पार लगावैगा

© अरविंद भारद्वाज

1 Like · 41 Views

You may also like these posts

गीत
गीत
सत्य कुमार प्रेमी
फिर सिमट कर बैठ गया हूं अपने में,
फिर सिमट कर बैठ गया हूं अपने में,
Smriti Singh
" यह कैसा दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
..........?
..........?
शेखर सिंह
करतार चाचा
करतार चाचा
Shashi Mahajan
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
हम सब भारतवासी हैं ...
हम सब भारतवासी हैं ...
Sunil Suman
The Drought
The Drought
Buddha Prakash
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
Pranav raj
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
दोहा पंचक. . . . शृंगार
दोहा पंचक. . . . शृंगार
sushil sarna
मैं एक शिक्षक
मैं एक शिक्षक
Ahtesham Ahmad
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
मेरा वोट मेरा अधिकार
मेरा वोट मेरा अधिकार
Rambali Mishra
अध्यापक दिवस
अध्यापक दिवस
SATPAL CHAUHAN
नीड़ तुम्हें भी तो चाहिए
नीड़ तुम्हें भी तो चाहिए
आशा शैली
इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रही है जिन्दगी, हर वक्त मन परेशान ख
इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रही है जिन्दगी, हर वक्त मन परेशान ख
Ritesh Deo
आप विषय पर खूब मंथन करें...
आप विषय पर खूब मंथन करें...
Ajit Kumar "Karn"
■ मंगलमय हो अष्टमी
■ मंगलमय हो अष्टमी
*प्रणय*
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
इश्क
इश्क
Neeraj Mishra " नीर "
3157.*पूर्णिका*
3157.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ओ चंदा मामा!
ओ चंदा मामा!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
बादल
बादल
Dr.Pratibha Prakash
Loading...