Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2023 · 4 min read

शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे’र

न तो अक्स हूं न वजूद हूं मैं तो जश्न हूं किसी रूह का
मुझे आईनों में न देख तू मुझे ख़ुशबुओं में तलाश कर

**********************************

कई बरसों से तेरा मुंतज़र बैठा है चौखट पर
न ले मेरी ख़बर लेकिन मुझे अपनी ख़बर तो दे

************************************

एक बेनाम सा रिश्ता है अभी तक तुमसे
इस हक़ीक़त को छुपायें तो छुपायें कैसे

***********************************

मेरी ज़बान में ऐसा तिलिस्म हो कोई
जिसे हसीन कहूं वो हसीन हो जाए

***************************

बाद उसके मुझे कोई न जंचा
मैंने हर एक से तौबा कर ली

*****************************

तुम्हारी ख़ुशनुमा यादें मेरे दिल में बसी हैं यूं
कि जैसे सीप में मोती कि जैसे फूल में ख़ुशबू

********************************

वतन परस्ती तुझ में भी है वतन परस्ती मुझ में भी है
फ़र्क मगर बस इतना सा है मैं भारत को मां कहता हूं

**************************************

जो कभी तुमको भुलाऊं न भुलाया जाये
नये फूलों से वही ख़ुशबू पुरानी आये

******************************

तुम मेरे साथ कोई दिन ये सियासत भी करो
मुझसे नफ़रत भी करो मुझसे मोहब्बत भी करो

*********************************

आपके दिल की अदालत में मुक़दमा है मेरा
मेरे मुंसिफ़ भी रहो अपनी वक़ालत भी करो

**********************************

इस मुहब्बत के तक़ाज़े भी हैं कैसे कैसे
सीधे सादे भी दिखो और शरारत भी करो

**********************************

अगर सच जानना है तो किसी बेख़ौफ़ से पूछो
सिपाही कब बताता है सिपहसालार कैसा है

***********************************

नींद की गोली न खाओ नींद लाने के लिए
कौन आएगा भला तुमको जगाने के लिए

******************************

हमदर्द कैसे-कैसे हमको सता रहे हैं
कांटो की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं

*******************************

हंसते रहते हो ग़म ओ रंज छुपाने के लिए
तुम भी क्या ख़ूब पहेली हो ज़माने के लिए

*******************************

बरसों पनाह दी है मैंने जिसे निगाहों में
वो बेवफ़ा मिली मुझे दूसरों की बाहों में

*********************************

किसलिए दिल को यूं ग़मगीन किये बैठे हो
किस से नाराज़ हो क्यों होंठ सिये बैठे हो

**********************************

किसी के दिल में बसा है न घर में रहता हूं
मैं सुब्ह शाम मुसलसल सफ़र में रहता हूं

*********************************

मुझे पसन्द हैं गुमनामियां मगर यूं ही
तेरी ख़ुशी के लिए मैं ख़बर में रहता हूं

*********************************

न मेरी आंख ही फड़की न मुझको हिचकियां आईं
मगर फिर भी ये लगता है कि कोई याद करता है

***************************************

बात करने का सलीक़ा मैंने पाया जिसमें
इक वही शख़्स मुझे शहर में ख़ामोश मिला

*******************************

जिनके साए में गुनहगार खड़े होते हैं
वो कभी भी न बड़े थे न बड़े होते हैं

*******************************

अपनी मंज़िल के लिए राह न तुम पाओगे
दिल में नफ़रत जो रखोगे तो भटक जाओगे

*******************************

तू न बन मेरा मददगार न बन
पर सितमगर का तरफ़दार न बन

*****************************

बताओ हिज्र के लम्हों में कैसे घुट के मर जाऊं
सितम की चाह बाक़ी है अभी महबूब के दिल में

*******************************

जुनूं की इन्तेहा है यह कि कोई बेशऊरी है
मैं रोज़ आवाज़ देता हूं उसे जो सुन नहीं सकता

*********************************

दुश्मनों को दोस्ती का हर घड़ी पैग़ाम दो
इक तरीक़ा यह भी है उनको सताने के लिए

*******************************

इसलिए धूप ज़रूरी है सभी के सर पर
लोग साये को कहीं क़द न समझ लें अपना

*******************************

हथेली वक़्त से पहले मसल देती है हर आंसू
हमारी आंख के आंसू कभी मोती नहीं बनते

*******************************

किसने वार सहे हैं सबके
किसने सबको मुआफ़ किया
जिस्म जिगर जां ज़ख्मी पाकर
कौन दिलावर मुस्काया

**********************************

ज़रा सा वक़्त तो दे ज़िन्दगी मुझको संभलने का
बुरा हो वक़्त तो कुछ वक़्त लगता है संभलने में

**********************************

मुहब्बत में तुझे ऐ दिल ! हदों से अब गुज़रना है
सज़ा तेरी मुक़र्रर है तुझे बस जुर्म करना है

***********************************

मुझको डर है कि कभी तुम भी बदल जाओगे
मुझको देखोगे तो चुपचाप निकल जाओगे

*******************************

घर उजड़ने का न दिल में मलाल तुम रखना
दूर जाते हो तो अपना ख़याल तुम रखना

********************************

किसी के साथ चले भी तो फासला रक्खा
सफ़र में सबके लिए हमने रास्ता रक्खा

*******************************

ख़ुदा करे कि तुझे अब मेरी ख़बर न मिले
मेरी नज़र से कभी अब तेरी नज़र न मिले

*******************************

तुम्हें बादल दिखाएगा तुम्हारे वोट ले लेगा
मगर कोई सियासतदां तुम्हें बारिश नहीं देगा

*******************************

दुआ लबों पे तो आंखों में बन्दगी रखना
नये अमीर हो तुम ख़ुद को आदमी रखना

**********************************

अपनों से न ग़ैरों से कोई भी गिला रखना
आंखों को खुला रखना होठों को सिला रखना

*******************************

सुनते थे हर किसी से हम अफ़साने दर्द के
अच्छा हुआ कि दर्द से पहिचान हो गई

*******************************

सामने आ के मेरे जुर्म गिनाओ तो सही
मैं गुनहगार तुम्हारा हूं बताओ तो सही

*******************************

मेरी नज़र को कोई क़ायदा जंचा ही नहीं
नज़र में सिर्फ मोहब्बत का क़ायदा रक्खा

*****************************

तुम मेरे साथ कोई दिन यह सियासत भी करो
मुझसे नफ़रत भी करो मुझसे मोहब्बत भी करो

********************************

इनके धूएं से तेरे ताक़ तो काले होंगे
पर चरागों को जलाने से उजाले होंगे

*******************************

कभी जब गांव जाता हूं तो बचपन ढूंढता हूं मैं
नए घर में पुराने घर का आंगन ढूंढता हूं मैं

***********************************

हर हक़ीक़त को यहां अब मुंह छुपा कर देखिए
धूप को भी धूप का चश्मा लगा कर देखिए

*********************************

अपनी आंखों पे मुझे ख़ुद भी भरोसा न हुआ
मैंने मुड़ मुड़ के अमीरों की ग़रीबी देखी

********************************

जानता हूं कि मेरी उम्र बहुत थोड़ी है
फिर भी एक शाम तुम्हारे लिए रख छोड़ी है

***********************************

फिर कभी तुमको बुलाऊं तो फिर आये न बने
बात इतनी न बिगाड़ो कि बनाये न बने

************************************

चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
वो परिन्दे छोड़ जाएंगे घरों को
दूर जाकर ये न जाने क्या करेंगे
कौन देगा बादशाहत नौकरों को

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 3 Comments · 1238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

गण पर तंत्र सवार
गण पर तंत्र सवार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आख़िरी हिचकिचाहट
आख़िरी हिचकिचाहट
Shashi Mahajan
- तुम्हारा ख्याल जब आता है -
- तुम्हारा ख्याल जब आता है -
bharat gehlot
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
3285.*पूर्णिका*
3285.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत- चले आओ...
गीत- चले आओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
देन वाले
देन वाले
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
दोहे- शक्ति
दोहे- शक्ति
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारी शान है हिन्दी,   हमारा मान है हिन्दी।
हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
मतदार
मतदार
श्याम सांवरा
■ आज का विचार बिंदु ;
■ आज का विचार बिंदु ; "बुद्धिमता"
*प्रणय प्रभात*
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
Ranjeet kumar patre
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
नेताम आर सी
I want to tell them, they exist!!
I want to tell them, they exist!!
Rachana
नदियां
नदियां
manjula chauhan
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
मोड़   आते   रहे   कहानी   में
मोड़ आते रहे कहानी में
Dr Archana Gupta
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
Surinder blackpen
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हाले दिल
हाले दिल
Dr fauzia Naseem shad
....मेरे सजना.....
....मेरे सजना.....
rubichetanshukla 781
ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर,
ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर,
पंकज परिंदा
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
AJAY AMITABH SUMAN
अजनबी सा सफ़र
अजनबी सा सफ़र
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...