Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2022 · 1 min read

अपनापन

मनुष्य जीवन हर योनि में सबसे,श्रेष्ठ क्यों माना जाता है।
क्योंकि मनुष्य का जीवन उसके कर्मो से आंका जाता है।।
कर्म रूपी इस ध्वनि को व्यक्ति,जिस रूप में भी फैलता है।
प्रतिध्वनि रूप में उसका कर्म घूमकर,उसके ही सामने आता है।।
अच्छा बुरा और झूठा सच्चा जो भी, करने मनुष्य जाता है।
हर हालत में वो कर्म घूमकर,उसके सामने वापस आ जाता है।।
क्यों हर व्यक्ति अपने को दूजे से,श्रेष्ठ बनाना चाहता है।
क्यों इस श्रेष्ठता के जाल में फंस, वो अपनों के विमुख हो जाता है।।
हर परिवार और हर समाज केवल व्यक्तियों के समूह से माना जाता है।
मिलजुल कर जो चल पाता वो ही तो श्रेष्ठतम सबमें वो कहलाता है।।
कहे विजय बिजनौरी जगत में व्यक्ति खाली हाथ ही आता है।
किंतु जब जाता है अपनेपन का खजाना ही बस उसके संग जाता है।।

विजय बिजनौरी

Language: Hindi
4 Likes · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all

You may also like these posts

अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
पर्वत, दरिया, पार करूँगा..!
पर्वत, दरिया, पार करूँगा..!
पंकज परिंदा
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
Otteri Selvakumar
सत्य तो सत्य होता है
सत्य तो सत्य होता है
Kirtika Namdev
प्रीतम दोहावली- 2
प्रीतम दोहावली- 2
आर.एस. 'प्रीतम'
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
कोई मरहम असर नहीं करता
कोई मरहम असर नहीं करता
Dr fauzia Naseem shad
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
shabina. Naaz
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
मेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी
Shailendra Aseem
*****हॄदय में राम*****
*****हॄदय में राम*****
Kavita Chouhan
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
बदल रहा है गांव
बदल रहा है गांव
लक्ष्मी सिंह
बस देखने का नजरिया है,
बस देखने का नजरिया है,
Aarti sirsat
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
Kuldeep mishra (KD)
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
खुद को नहीं बचा पाते
खुद को नहीं बचा पाते
Sudhir srivastava
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
* ज्योति जगानी है *
* ज्योति जगानी है *
surenderpal vaidya
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
Shweta Soni
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
Dr Archana Gupta
जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
Harminder Kaur
*विरोधाभास*
*विरोधाभास*
Pallavi Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
Loading...