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26 Nov 2022 · 2 min read

- शेर ए गहलोत -

– शेर ए गहलोत –

1.रंजिश करने वाला रिपु है मेरा जो मेरे खिलाफ साजिश करता है,
कोई कह दो उसे बेदाग है गहलोत उसके दामन में कभी दाग लग नही सकता,
2. तुम जो यू एतबार कर रहे हो,
लगता है जैसे प्यार कर रहे हो,
3. तड़पाती है मुझको मेरी यह तन्हाई,
अब तू ही बता तेरे बिन कौन है मेरा हमराही,
4. सोए हुए थे हम मौत के आगोश में,
तेरी पायल की खनक ने हमको फिर से जगा दिया,
5.अब तो रूबरू हो मुलाकात हो कुछ बात हो,
अकेला यह दिल ही क्यों तड़पे उसको भी तो कुछ एहसास हो,
6.उससे इश्क हुआ था मुझे जवानी की रवानी में,
उसको पाने की ख्वाहिश है मरते दम तक जानी में,
7. तेरे सिवा कौन है मेरा इस जगत में ,
तू नही तो कोई नही जीवन में,
8.दानिस्ता खुद को छुपा रही हो,
खुद को खुद से बचा रही हो,
9.अब तक जो था अपना वो पराया हो गया,
मेरा नही रहा अब ये दिल तुम्हारा हो गया,
10.अब तक जो था अपना वो पराया हो गया,
हम देखते ही रह गए यह दिल तुम्हारा हो गया,
11.एक ही तमन्ना है अब तो तन्हाई ए जिन्दगी से,
या तो मोहब्बत का वरण हो या मृत्यु को समर्पण हो,
12.मेरा इश्क बया करते है मेरे अल्फाज,
डर है कही जुबान खोलू तो कयामत न आ जाए,
13. तेरा मेरा इश्क है समंदर सा गहरा तू बताए जो कर जाए,
दोनो दफा है मरना किनारे बैठ जाए या डूब के मर जाए,
14.मेरे हाथो की लकीरें कुछ इस कदर कमाल कर गई,
हम दोनो को एक दूजे के नाम कर गई,
15.अबकी बरस कुछ ऐसी बहार आ जाए,
में उसका हो जाऊ वो मेरा हो जाए

✍️✍️भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –

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