भुलाना हमारे वश में नहीं

चाहो न चाहो, तुम हमको।
मगर हम चाहते हैं, तुमको।।
भुलाना हमारे, वश में नहीं।
मगर छुपाना, जानते हैं हम।।
वो जाने वाले, कहां गये हो।
तुम्हें तुम्हारे, बुला रहे हैं।।
सांसों की गहराईयों में, बसे हो।
जब तक हैं सांसे तुम्हें, चाहते रहेंगे।।
मानो न मानो, हमारी ये कसमें।
कसमों पे सारा, जहां चल रहा हैं।।
चाहो न चाहो, तुम हमको।
मगर हम चाहते हैं, तुमको।।