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27 Jul 2022 · 1 min read

वो इश्क है किस काम का

वो इश्क है किस काम का,
जो सोए जज्बात ना जगाए।
वो हुस्न है किस काम का,
जो जिस्म में आग ना लगाए,
अगर हुस्न को इश्क हो जाए,
फिर तो सोने में सुहागा हो जाए।।

वो जवानी है किस काम की,
जो इसका इजहार ना कर पाए।
वो आशिक है किस काम का,
जो महबूबा का इंतजार ना कर पाए,
इजहार और इंतजार जब दोनो करने लगे,
फिर तो खुदा भी उनको रोक न पाए।।

वो पैसा है किस काम का,
जो किसी के काम ना आए।
वो इंसान है किस काम का,
जो इंसान के काम नाआए।
अगर पैसा इंसानियत से जुड़ जाए,
फिर तो सोने में सुहागा ही हो जाए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
5 Likes · 13 Comments · 740 Views
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