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7 Jun 2022 · 1 min read

हर गम को ही सह लूंगा।

हर गम को ही सह लूंगा।
तन्हा ही अकेला मैं इस दुनियाँ में रह लूंगा।।1।।

तुमको बेवफ़ा ना कहूंगा।
हर इल्ज़ाम इस इश्क का खुद पर ले लूंगा।।2।।

कोई तिज़ारत ना की है।
इस इश्क को ही मैं खुदा मानकर जी लूंगा।।3।।

गर कोई तुमसे पूंछे हमें।
कह देना अजनबी है मैं सबकुछ सह लूंगा।।4।।

मुकद्दर में ना थे तुम मेरे।
अब तुम्हारी यादों में ही मैं तुमको पा लूंगा।।5।।

देख लेना बस तुम मुझे।
बनकर जनाजा जब तेरी गली से गुजरूंगा।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 2 Comments · 335 Views
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