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18 Mar 2022 · 1 min read

होली

एक वर्ष का अंत और दूसरे का सुरूआत है होली।
राग-द्वेष और नफरत से मुक्त,
प्रेम के रंगों की बरसात है होली।
दुःख-दर्दो को भस्म कर,
खुशियों की सुरूआत है होली।
बिते लम्हों को भूलकर,
नये लम्हों का आनन्द है होली।
जो घुल-मिलकर रहना सिखा,
उसका हर दिन और रात है होली।
आज स्वच्छंद जो जग में विचर रहे,
समझें पुरखों की आशीर्वाद है होली।

कुन्दन सिंह बिहारी(माध्यमिक शिक्षक)
उत्क्र०माध्यमिक वि०अकाशी, सासाराम

आप सभी को कुन्दन सिंह बिहारी के तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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