Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

वक़्त को वक़्त ही बदलता है

वक़्त को वक़्त ही बदलता है।
आदमी आदमी को छलता है।।

जिस्म की बात छोड़ दो जानाँ ।
मेरा साया ही मुझको खलता है।।

अपना चेहरा बदल भी ले कोई ।
अपनी फ़ितरत कहां बदलता है।।

अहमियत उसकी कौन समझेगा।
जो दिया रौशनी में जलता है।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

8 Likes · 334 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

" फरिश्ते "
Dr. Kishan tandon kranti
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
श्रीकृष्ण शुक्ल
Tlash
Tlash
Swami Ganganiya
"चांद तन्हा ही रहा"
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
भक्त जन कभी अपना जीवन
भक्त जन कभी अपना जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
* जीवन रथ **
* जीवन रथ **
Dr. P.C. Bisen
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
बाल बलिदानी
बाल बलिदानी
Sudhir srivastava
3531.🌷 *पूर्णिका*🌷
3531.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ललकार भारद्वाज
समर्पण
समर्पण
Sanjay ' शून्य'
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कभी उसकी कदर करके देखो,
कभी उसकी कदर करके देखो,
पूर्वार्थ
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आजकल
आजकल
sheema anmol
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
मजबूरन आँखें छिपा लेता हूं,
मजबूरन आँखें छिपा लेता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सोच ही सोच में
सोच ही सोच में
gurudeenverma198
गर्दिशों में हैं सितारे.....!!
गर्दिशों में हैं सितारे.....!!
पंकज परिंदा
उम्र के फासले
उम्र के फासले
Namita Gupta
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
डॉ. दीपक बवेजा
।।
।।
*प्रणय*
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
VINOD CHAUHAN
खड़ा रहा बरसात में ,
खड़ा रहा बरसात में ,
sushil sarna
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
Ravikesh Jha
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
sp,62लखनऊ हजरतगंज
sp,62लखनऊ हजरतगंज
Manoj Shrivastava
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
Loading...