Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2021 · 1 min read

“बचपन का खजाना”

वक्त का ए लुटेरा दगा दे गया ,
जाने वो कैसी सजा दे गया ,
जवानी का लालच दिखाकर हमें,
“बचपन का खजाना “चुरा ले गया ।
वो मिट्टी के घरौदे ,
वो कागज की नाव ,
वो रबड़ की गुड़िया ,
वो पीपल के छाँव ।
वह छत की मुंडेरो पर ,
चिड़ियों का डेरा ,
जिसे देखकर होता था सवेरा ।
परियों की कहानी कहां ले गया,
जवानी का लालच दिखाकर हमें,
” बचपन का खजाना “चुरा ले गया ।
वो मेलो की रौनक ,
ओ बांसुरी की धुन ,
वो चूरन की पुड़िया ,
वो बारिश की बूंद ।
वो मदारी का खेल ,
वो तालियो का बजाना ,
ऊंचे गगन में पतंगे उड़ाना ।
बचपन के गुब्बारे कहां ले गया ,
जवानी का लालच दिखाकर हमें,
” बचपन का खजाना “चुरा ले गया ।
वो झुंड बनाकर स्कूलों में जाना,
ऊंचे स्वर में पहाड़ा सुनाना ,
वो गुरु जी की डाँट ,
वो दादी की बात ।
कितना कितना अच्छा था,
बचपन का जमाना ,
मिट्टी लगाकर नदी में नहाना ,
वो गिल्ली .डंडो का खेल कहां ले गया ।
जवानी का लालच दिखाकर हमें,
“बचपन का खजाना” चुरा ले गया ।
वो मिट्टी की गाड़ी ,
वो कागज के पैसे ,
वो कांच की चूड़ी ,
वो फूलों के गहने ।
खुशियों के थे कितने बहाने ,
खेल .खेल में जाते थे कमाने ,
वह गांव की दोपहरी कहां ले गया ,
जवानी का लालच दिखाकर हमें ,
“बचपन का खजाना” चुरा ले गया ।
**** सुनील पासवान कुशीनगर****

Language: Hindi
2 Comments · 457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रीति निभाना
प्रीति निभाना
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
#आजकल
#आजकल
*प्रणय प्रभात*
*समय की रेत ने पद-चिन्ह, कब किसके टिकाए हैं (हिंदी गजल)*
*समय की रेत ने पद-चिन्ह, कब किसके टिकाए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रक्षाबन्धन
रक्षाबन्धन
Ayushi Verma
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
PRADYUMNA AROTHIYA
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
अंसार एटवी
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
तू मेरी रोशनी मैं तेरा दीपक हूं।
Rj Anand Prajapati
मन के अंदर एक समंदर भाव की धारा बहती है,
मन के अंदर एक समंदर भाव की धारा बहती है,
jyoti jwala
वक्त की करवट
वक्त की करवट
Rajesh Kumar Kaurav
धर्म कर्म
धर्म कर्म
Jaikrishan Uniyal
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
चाय पीते और पिलाते हैं।
चाय पीते और पिलाते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फर्क
फर्क
ओनिका सेतिया 'अनु '
मतलब की दुनिया में सब खो गए,अपने ही स्वार्थों में संजो गए।
मतलब की दुनिया में सब खो गए,अपने ही स्वार्थों में संजो गए।
पूर्वार्थ
ईश्वर के ठेकेदार
ईश्वर के ठेकेदार
आकाश महेशपुरी
होली
होली
Mukesh Kumar Sonkar
चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
Meenakshi Masoom
एक मैं ही तो नहीं
एक मैं ही तो नहीं
Shivkumar Bilagrami
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
Thanh Thiên Phú
जाग मनुज
जाग मनुज
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
" समीक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
वक़्त की ऐहिमियत
वक़्त की ऐहिमियत
Nitesh Chauhan
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
Annapurna gupta
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9betsfarm
Loading...