Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2021 · 1 min read

जेठ में बरसात

जेठ के माह में,
तपती दुपहरिया में,
खेत बीच खड़ा किसान,
तक रहा था आसमान ।
जेठ के माह में किसान ….
शरीर से बहा रहा पसीना,
चीरने को धरती का सीना ,
बोने को उसमें नगीना ,
लहलाने को उसमें
बाजरा,कपास,धान और मक्का ।
जेठ के माह में किसान …..
इंद्र देव का करें आवाहन,
तपती धरा को करें नम ,
हर ले हमारे सारे गम ।
जेठ के माह में किसान ….
अकस्मात घिर आई बदरिया,
जिसके आने भर से ,
तर हुआ धरती का सीना,
छोड़ सुध-बुध ,
बैलों की जोड़ी संग,
चीर डाला धरती का सीना,
डाले फिर बीज रूपी नगीने,
तदुपरांत उसमे से उपजे,
बाजरा, कपास, मक्का और धान ।
जेठ के माह में,
ये सब देख ,
हर्षित हुआ किसान !
भूल गया , अपनी दुखों की दास्ताँ !
जेठ के माह में किसान ……

3 Likes · 4 Comments · 569 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
Don't get hung up
Don't get hung up
पूर्वार्थ
माहिए
माहिए
आशा शैली
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
3230.*पूर्णिका*
3230.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
My Loving book
My Loving book
Dr. Vaishali Verma
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*प्रणय प्रभात*
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
Rj Anand Prajapati
यूं इतराया ना कर
यूं इतराया ना कर
Shinde Poonam
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस ध
जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस ध
ललकार भारद्वाज
*वो पहली मुलाकात के बाद*
*वो पहली मुलाकात के बाद*
शिव प्रताप लोधी
हमारी नई दुनिया
हमारी नई दुनिया
Bindesh kumar jha
"मानो या न मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
RAMESH SHARMA
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
शेखर सिंह
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
Abhishek Soni
इम्तिहान
इम्तिहान
Mamta Rani
दुनिया समझने की तकनीक आ गयी
दुनिया समझने की तकनीक आ गयी
kakul.konch
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
पंकज परिंदा
Công ty Đồng Phục Asian tự hào là đơn vị chuyên cung cấp đồn
Công ty Đồng Phục Asian tự hào là đơn vị chuyên cung cấp đồn
dongphucasian111
बीता हुआ कल
बीता हुआ कल
dr rajmati Surana
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
जिंदगी तुमसे जीना सीखा
जिंदगी तुमसे जीना सीखा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...