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18 May 2021 · 1 min read

औरत की कविता

पहले कविता लिखने का शौक हुआ करता था,
शादी के बाद सारे शौक धरे के धरे रह गये…
जिस पति के लिए सबको छोड़ दिया था,
उसकी ही वजह से आज अकेले रह गये….
पहले लिखी कविता मे प्यार अपनापन
बारिश मौसम हुआ करते थे….
लिखती तो आज भी हूँ ….
दाल 2 किलो
चावल 5 किलो
आटा 10 किलो
शक्कर 5 किलो
तेल 5 लिटर
और भी बहुत कुछ,
ये एक औरत की कविता है जो चाहती है लिखना
अपने लिए जीना….
पर उलझ गई है कोई नही चाहता वह जिए अपने लिए….
-सुरभी

Language: Hindi
727 Views
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