Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Oct 2020 · 1 min read

कविता- बच्चो, सच में तुम ही हो देश के कर्णधार

????????????
बच्चो !? सच में तुम ही हो देश के कर्णधार …
तुमसे ही तो हैं उम्मीदें बेशुमार ,फैला है हर तरफ लूट-खसोट व भ्रष्टाचार, जातिवादी राजनीति व खोखले आश्वासन , देश को गर्त में डालने वाले प्रलोभन, हिन्दू ,मुस्लिम ,दलितों को भड़काते भाषण, रुपए से ज्यादा गिरती राजनीतिक भाषा व आचरण।

बच्चों ! ?सच में तुम ही हो देश के कर्णधार ……

तुमसे ही तो हैं उम्मीदें बेशुमार,तुमको ही तो करना है देश का उद्धार ,लूटखसोट ,भ्रष्टाचार का बंटाधार,तुम ही हो विश्वसनीय, सुसंस्कारों से युक्त दर्शनीय, सभी प्रलोभन से परे सच्चे इंसान , हिन्दू ,मुस्लिम,दलित से परे एकता का प्रमाण, राजनीतिक भाषा,आचरण मर्यादा के सुपालक, भले ही शक्ल सूरत से हो तुम बालक पर तुम ही हो देश के सच्चे भावी उद्धारक।

बच्चों !? सच में तुम ही हो देश के कर्णधार……

तुमसे ही तो हैं उम्मीदें बेशुमार, तुमको लड़ना है अज्ञानता के विरुद्ध, तुमको करना है देश को विसंगतियों से शुद्ध, तुमको बनना है दीन,दुःखियों का सम्बल, तुमको ही करना है क्षेत्रवाद, प्रान्तवाद का उन्मूलन, तुमको ही तो बनाना है देश को विश्व गुरू,तुमको ही बनना है हर नागरिक का गुरूर।

बच्चों! ?सच में तुम ही हो देश के कर्णधार… . . . .
_______________________
रचनाकार
नवल किशोर शर्मा ‘नवल’
बिलारी मुरादाबाद
सम्पर्क सूत्र-9758280028

Loading...