Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2020 · 1 min read

माँ का श्राद्ध

लघुकथा
शीर्षक – माँ का श्राद्ध
==============
” सुनिए जी, आज अपने घर में क्या हो रहा है? बहू बेटा बड़े खुश दिख रहे l कुछ ब्राह्मण और मेहमान भी आये हैं l”
“तेरा श्राद्ध है आज भाग्यवान l देखा नहीं पंडित जी तेरी फोटो के सामने पूजा अर्चना कर रहे हैंl”
” हूं ऊं दिख तो रहा है l चलो आशिर्वाद दे दो अपने बेटे और बहू को l वो इतना कर रहे हैं तो हम आशीर्वाद तो दे ही सकते हैंl”
” नहीं बिलकुल नहीं भाग्यवान l मेरे जाने के बाद पल पल हर पल तुम्हें दुत्कारा गया, फटकारा गया l खाने के नाम पर बासी रोटियाँ, पहनने को फटे चिथड़े…. l सब कुछ देखा है मैंने ऊपर से.. पल पल रोया हूँ और तुम कहती हो आशिर्वाद… ”
” छोड़ो जाने दो, बच्चे है l अब हम दोनों साथ है और क्या चाहिये l मेरी बात आपने कभी नहीं टाली l आखिरी बार और मान लो… ”
” आज भी बहुत जिद्दी हो तुम l सिर्फ तुम्हारी खातिर…….- लेकिन भाग्यवान मैं अब दुबारा इन लोगों को नहीं देखना चाहता ,,, ”
” किसने कहा देखो,,,, बच्चे गलतिया करें तो करें,,, हम बुजुर्ग तो उनकी तरह नहीं हो सकते,,, चलकर आशीर्वाद दे दें ताकि उन्हें सद्बुद्धि आ जाये,,, आगे कोई गलती न करें …….

राघव दुबे
इटावा (उo प्रo)
8439401034

Language: Hindi
1 Like · 341 Views

You may also like these posts

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
Sudhir srivastava
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
पूर्वार्थ
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
Ravi Prakash
राम उत्सव
राम उत्सव
Ruchi Sharma
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
*कुछ भी नया नहीं*
*कुछ भी नया नहीं*
Acharya Shilak Ram
बहु घर की लक्ष्मी
बहु घर की लक्ष्मी
जय लगन कुमार हैप्पी
..
..
*प्रणय*
हार गए तो क्या अब रोते रहें ? फिर उठेंगे और जीतेंगे
हार गए तो क्या अब रोते रहें ? फिर उठेंगे और जीतेंगे
सुशील कुमार 'नवीन'
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
Lokesh Sharma
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मन में सुकून कहाँ
मन में सुकून कहाँ
Aditya Prakash
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"डगर"
Dr. Kishan tandon kranti
"शुभकामना और बधाई"
DrLakshman Jha Parimal
राधेश्यामी छंद‌ (मत्त सवैया ) विधान (सउदाहरण )
राधेश्यामी छंद‌ (मत्त सवैया ) विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
राष्ट्र शांति
राष्ट्र शांति
Rambali Mishra
बिना पढ़े ही वाह लिख, होते हैं कुछ शाद
बिना पढ़े ही वाह लिख, होते हैं कुछ शाद
RAMESH SHARMA
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
Rajesh Kumar Kaurav
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3116.*पूर्णिका*
3116.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
Rituraj shivem verma
प्रकृति का मातृ दिवस
प्रकृति का मातृ दिवस
Madhu Shah
"Jun88 là một trong những nhà cái có kho game trả thưởng đa
jun88net
वनक पुकार
वनक पुकार
श्रीहर्ष आचार्य
Loading...