आज़ाद गज़ल
देखिए महाशय जी आप हद से आगे जा रहे हैं
गज़ल विधा की बेखौफ़ धज्जियां उड़ा रहे हैं ।
वर्षो की रवायतों का मज़ाक उड़ाना ठिक नहीं
पूर्वजो के ज़मा पूँजी क्यों धूल में मिला रहे हैं ।
फ़ेसबुक पर लाइक्स और कमेंट्स पा कर के
खुद से बड़ा गज़लकार होने का ढोंग रचा रहे हैं ।
औकात में रहें आप,कोई हैसियत नहीं आपकी
कौन सा इन्टरनेशनल मुशायरे में आप जा रहे हैं ।
लानत है आपकी टुच्ची शेरों-शायरी के लहजे पे
अजय आप नये उभरते शायरों को भड़का रहे हैं ।
-अजय प्रसाद