Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2024 · 1 min read

गजल

गजल
हम तेरे नजरों से कभी घायल हुए
ओ मेरे सितम है दुनिया से कहते फिर रहे
हम मिले भी तो क्या मिले 2
वही दूरियां
वही फासले हुए
हो गए सब शिकवे गिले
हांथ पैर सुन्न और चेहरे हुए पीले।
धड़कती तन और कांपती बदन
आ गले मिल मेरे सजन।

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
जिला दुर्ग छत्तीसगढ़

Language: Hindi
65 Views

You may also like these posts

*जीने न दें दो नीले नयन*
*जीने न दें दो नीले नयन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2658.*पूर्णिका*
2658.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहाव संग ठहराव
बहाव संग ठहराव
Ritu Asooja
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
VINOD CHAUHAN
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
Ravi Prakash
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
लिखावट - डी के निवातिया
लिखावट - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
Shreedhar
शुभांगी।
शुभांगी।
Acharya Rama Nand Mandal
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
मां
मां
Indu Singh
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
Subhash Singhai
#मणियाँ
#मणियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सितम गुलों का न झेला जाएगा
सितम गुलों का न झेला जाएगा
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सुर तेरा मेरा
सुर तेरा मेरा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
कितने बेबस
कितने बेबस
Dr fauzia Naseem shad
बूढ़ा पेड़
बूढ़ा पेड़
Mandar Gangal
" तरीका "
Dr. Kishan tandon kranti
परमपिता तेरी जय हो !
परमपिता तेरी जय हो !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दर्द सुर्खी है
दर्द सुर्खी है
Manoj Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दया दुष्ट पर कीजिए
दया दुष्ट पर कीजिए
RAMESH SHARMA
यूँ   ही   बेमौसम   बरसात  हुई।
यूँ ही बेमौसम बरसात हुई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
A Letter to My Future Child
A Letter to My Future Child
Deep Shikha
Loading...