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15 Apr 2019 · 1 min read

कविता

क्या कहूं मै जाहिल तूने तो हर मर्यादा पार किया,
कटु शब्दों के हथियार से नारी पर तूने वार किया,

सच कहने की बारी आयी तो इतना घबराया कि,
जहर उगलते शब्दो से किसी वालिद को ही मार दिया

शर्म तूझे तो आती ना, पर देश आज शर्मिंदा है,
क्यूं तुझ जैसा शैतान हमारी भारत भू पर जिंदा है,

है आज जरूरत नारी को अपनी शक्ति दिखलाने की,
अपनी आन बचाने को खुद नारायण बन जाने की,

ऐसे सर्पों का फन हमको तत्काल कुचलना होगा,
बडें बोल हैं जिन- जिन के अब उन्हें संभलना होगा,

नारी का अपमान हमारा देश नही सह सकता है,
अपमानित करने वाला जीवित नही रह सकता है।

Language: Hindi
503 Views

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