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31 Dec 2018 · 1 min read

यादगार

यादगार
सीने में दफन
यादों की कब्र
साँसों में पलती
विस्मृतियों को
पुरजोर छलती
मृत अहसासों की
मधु-कटु स्मार्त
धड़कने रह गई
बनकर यादगार
-©नवल किशोर सिंह

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