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14 Mar 2017 · 1 min read

होली

होली

मनुभावन बसंत की फुहार झूमकर आई है..
मिलन प्रीत के हर दिल में संजोकर लाई है..

जन-जन ह्रदयात् पुलकित पवन पुरवाई है..
फूले कदम्ब अब जिक्र-ए द्वेस मिटाने आई है..

छन-छन करती मधुर ध्वनि जो उर में समाई है..
लगता मेरी प्रियतमा ने पायल फिर छनकाई है..

हर शक्स खुशनुमा है अब कहाँ जुदाई है..
हाँ बेशक इठलाती बलखाती होली आई है..

मनुभावन बसंत की फुहार आई है..
मिलन प्रीत के उर में संजोकर लाई है..!!

पवन कुमार

Language: Hindi
709 Views
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