अमित कुमार Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read समझों! , समय बदल रहा है; समझों! , समय बदल रहा है; समझों, ये युग बदल रहा है। जब बांध स्वयं पानी पी जाये जब वृक्ष स्वयं फल को खाये जब धेनु स्वंय का दुग्ध स्वतः... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 123 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read हजारों खिलजी हजारों खिलजी (यह कविता पद्मावती फ़िल्म का हो रहे विरोध के समय लिखी गयी थी) हजारों खिलजी अपनी नुकीली दाढ़ी खुजलाते हुए- हजारों पद्मावतियों को उनके ही अन्तर्हृदय में जलती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 103 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !! नित नूतन परिवर्तन जारी है जग में भीड़ बड़ी भारी है दो घटकों में नर-नारी हैं अब देखो किसकी बारी है । हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !! हे महादेव !!!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read मूर्तियां भी मौन हैं मूर्तियां भी मौन हैं उस चीघती आबाज से, मासूमों को नोच रहे गिद्ध चील बाज से। मस्जिदों के आला भी समाधि ले सो रहे, उनके नेक बंदे तो चीख़ चीख़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 43 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read भ्रस्टाचार की लूट भ्रस्टाचार की लूट है लुट सको तो लुट, अंत समय पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट। प्राण जाएंगे छूट बनी रहेगी यही लालसा हाय !, लूट न पाया कुछ भी अधूरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read सुन्दर प्रियतमा के साथ सुन्दर प्रियतमा के साथ भी, जब घेरे अवसाद! कोई अति प्रिय वस्तु खोने का सदा रहता एहसास!! कोहरे की धुन्ध में सिर्फ पाता अभास इस जगत की छड़-भंगुरता का जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 67 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read आलस्य परमो धर्मां न कोई तुम काम करो न कोई तुम काम करो बस केवल आराम करो यह जन्म हुआ है सोने को क्यों व्यर्थ भटकता रोने को बैठ पकड़, एक कोने को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 45 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read यथा नाम तथा न गुणा नाम है दयाराम करते शिकार है नाम है लक्ष्मीदेव लेते उधार है। कहने को ब्रंह्मचारी रोज जाते ‘बार’ है बनने को पतिवृता ब्वॉय फ्रेन्ड हजार है। Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read "प्रॉब्लम" "प्रॉब्लम" में ही पै दा हुए हम, और प्रॉबल्म के साथ ही जीते हुए, रखे रहे भ्रम प्रॉबल्म लेकर ही तोड़ गये दम। प्रॉबल्म का किया नही कभी कोई "शम"... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read आज मौसम में एक आज मौसम में एक भीगा सुखद एहसास है तेरा होना भी ऐ, वर्षा ! कहीं आस-पास है। अकाश में विचरते हुए काले मेघों के रथ पर झुलसाने वाले ताप के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 61 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read बुद्ध और अंगुलिमान अनंत इच्छा असीम कामना असंतृप्त हृदय अस्थिर मन अस्वस्थ तन! जगत की गति विकृति मति विच्छिन्न शक्ति विक्षिप्त व्यक्ति !! अंगुलिमान समक्रांत कु-आदत आक्रांत खड़क की धार कर्म गति अपार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 36 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read सचेतन संघर्ष जमीन से उठकर संघर्ष करता हूँ बिन पंखों के ऊँची उड़ान भरता हूँ। परिश्रम के पसीने से सींचता हूँ इस धरा को नव यौवन के उमंग से भर देता हूँ... Poetry Writing Challenge-3 1 31 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read इतना तो करना स्वामी इतना तो करना स्वामी! जब निकले तन से प्राण मुख में हो तेरा नाम, मन भी वो कर ले ध्यान। हृदय उत्साह से भरा हो, भयभीत न जरा हो, न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 34 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read झरोखे की ओट से झरोखे की ओट से कुछ तलाशती है ज़िन्दगी! कुछ पाने की आशा से कुछ होने की आशा से छोटे से झरोखे की ओट से कुछ आभासती है ज़िन्दगी !! जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 34 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read एक अनजनी राह... एक अनजानी राह चले जा रहे हैं एक अनजानी चाह चहे जा रहे हैं एक अनजाना प्रवाह बहे जा रहे हैं एक अनजानी मंजिल बढ़े जा रहे हैं । Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 43 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read समय का आभाव है समय का आभाव है जाना भी कहीं नहीं जल्दी है सभी को पाना भी कुछ नहीं। हड़बड़ाहट है सभी को किस लिए, किसके लिए ? सुर सभी को चाहिए, गाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 34 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read सपनों को सजाना क्या सपनों को सजाना क्या, जब वो सच नही होते दिल को गम मे हसाना क्या जब हम खुस नही होते । पर शौक है यों देखने के नावक्त सपनों को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 81 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read आदत सी पड़ गयी है आदत सी पड़ गयी है खुद को छिपाने की चाहते भी दे गयी, दगा कुछ भी पाने की सुर्ख महफिल में तनहा सा दिखता हूं दर्द की स्याह से जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 58 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read इस जहाँ में... इस जहाँ में देखता हूँ बस तेरे ही नजारे नजर कर देखूँ जिधर, पाऊं तेेरे ही इसारे। कम्बंक्त फिर भी ये दिल फिसल जाता है कुछ ढूंढने की चाह में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read उजड़ता हुआ दिल वैसे तो खूब बहारें आती हैं खूब सावन रिम-झिम बरसता है बसन्ती हवाओ से फूलों की महक आती है। पर जब कोई दिल उजड़ता है, प्यासा होता है और एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 40 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read पतझड़ मे एक दर्द की पतझड़ मे एक दर्द की बहार सी आती है आंखो मे बूंदो की बौछार छा जाती है रोम-रोम मे हवा की सिहरन दौड़ जाती है तब हृदय मे पवित्रता की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 64 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read काश किसी को... काश!, किसी को कहकर बताला सकता अपना कभी बना सकता यों जीवन का झूठा सपना। कहीं नदी के तट पर बैठ मिले हम होते कह अपना-अपना दुःख एक दूजे से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 58 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read छोड़ दो तुम साथ मेरा छोड़ दो तुम साथ मेरा मैं बसेरा हूँ निशा का। तोड़ दो तुम प्यार मेरा मैं अकेला हूँ ईशा का। ये काली रात ढलते ही जाना चले आते ऊशा का।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 92 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read देखना मत राह मेरी देखना मत राह मेरी मेरा ठिकाना है कहाँ आज ठहरा हूं लेकिन कल दूर जाना है वहाँ। खुद भटकता हूँ जहाँ पर बना नही सकता सहारा कौन है ? जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 32 Share अमित कुमार 13 May 2024 · 1 min read था जाना एक दिन था जाना एक दिन मुझको यहां सब छोड़ के किन्तु मै न जा सका दिल तुम्हारा तोड़ के। तेरी चाहत मे मै, फस गया था इस कदर देख कर भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share