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13 May 2024 · 1 min read

भ्रस्टाचार की लूट

भ्रस्टाचार की लूट है
लुट सको तो लुट,
अंत समय पछतायेगा
जब प्राण जाएंगे छूट।
प्राण जाएंगे छूट
बनी रहेगी यही लालसा
हाय !, लूट न पाया कुछ भी
अधूरी रही अभिलाषा ।
लूटन की है लूट मची
सबल निर्बल को लूटै
मंत्री, नेता , अधिकारी , चपरासी
लूटन में एकउ न छूटै ।
कह कविराज मची है लूटन की लूट
लूटत रहौ जबतक प्राण न जावै छूट।

Language: Hindi
1 Like · 13 Views
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